अपने जब दूर जाते है
तो
बहुत दर्द देते है
पर
अपने जब पास रह कर
भी
दूरिया बना लेते है
तो
दिल में एक कसक
छोड़ जाते हैै
फ़रवरी 5, 2009 kmuskan द्वारा
अपने जब दूर जाते है
तो
बहुत दर्द देते है
पर
अपने जब पास रह कर
भी
दूरिया बना लेते है
तो
दिल में एक कसक
छोड़ जाते हैै
बहुत सुंदर कविता
धन्यवाद
बहुत बहुत बहुत बढ़िया /अपनों के सितम हम से बताये नहीं जाते ,ये हादसे वो है जो सुनाये नहीं जाते /अपने जब दूर जाते हैं तो उन का लौट कर आने का इंतजार रहता है मगर पास रहकर भी अपने होकर भी गैर से भी बदतर व्यवहार करें -यह ऐसा जख्म है जो कभी भरता नहीं है /ऐसी बात बगैर अनुभव के कोई कह ही नहीं सकता /आपने बगैर अनुभव के कही है ,किसी दूसरे की हालत देख कर कही है ,यही साहित्यकार की विशेषता है की वह दूसरों के दर्द को अपना दर्द समझ कर अपनी बात कहता है
सचमुच बहुत सुन्दर लिखतीं हैं आप
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
aur kyon kuchh nahin likha ,likhna chahiye
bahut khoob kaha hai aapne
सुंदर कविता
aaj friendship day par ek achhi kavita padney ko mili shukriya