Posted in khawab, tagged ख्वाब, झलक, नैना kala, Blogroll, muskan, tum, zindagi on मई 17, 2008| 1 Comment »
तेरी इक नजर को तरसे है ये नैना पर तू ना जाने कहाँ गुम है। ख्वाबो मे इक झलक दिखलाकर फिर से ना जाने कहाँ गुम है। तुझसे ना दूर होंगे ऐसा तेरा वादा था पर हर वादा भूलकर तू ना जाने कहाँ गुम है ।
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