अपने जब दूर जाते है
तो
बहुत दर्द देते है
पर
अपने जब पास रह कर
भी
दूरिया बना लेते है
तो
दिल में एक कसक
छोड़ जाते हैै
Posted in apne, tagged अपने, आंसू, कसक, गम, ज़िन्दगी, दर्द, दिल, दूरिया, Blogroll, dard, dil, hindi, hindi poetry, kala, kavita, muskan, zindagi on फ़रवरी 5, 2009| 8 Comments »
अपने जब दूर जाते है
तो
बहुत दर्द देते है
पर
अपने जब पास रह कर
भी
दूरिया बना लेते है
तो
दिल में एक कसक
छोड़ जाते हैै
Posted in zindagi, tagged Blogroll, dard, hindi poetry, kala, kavita, muskan, zindagi on अप्रैल 14, 2008| Leave a Comment »
बीती बातो की मत पूिछए
जुबाँ पर आएँ तोॆ दरद देतीहै।
दरद से अपना पुराना नाता है
िदल का ददॆ आखॊ से बयाँ हो जाता है।
आखो की भी अपनी भाषा होती है
समझने की कोिशश तो कीिजए।
कहने से कया होता हैएक बार
इस दरद को िदल से महसूस करके तो देिखए ।