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Posts Tagged ‘खवाब’

ज़िन्दगी जाने तू क्या चाहती है
जाने किस मोड़ पे मुझे लिए जा रही है
मेरे खवाबो  ,मेरी  तम्मनाओ को
पीछे छोड़ जाने किस और चली जा रही है


जाने कयों तु मेरी हर कोशिश को
नाकाम  करने में  लगी है
मुझसे तेरी जाने  क्या दुश्मनी है
कुछ पल तो मुझे चैन  के लेने दे


तू क्या चाहती है ,मैं नही जानती
पर ख़ुद को तेरी ही धारा में छोड़ कर
मैं बिना कुछ सोच-समझे

तेरी ही रौ में बही जा रही हूँ

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खवाबो में चाँद को देखा था


उसे पाया भी था


पर हकीकत में


कभी उसे पाने की तमन्ना नही की


मैं खवाब और हकीकत के बीच का फासला जानती हूँ


जिंदगी में कुछ खवाब सच हो जाते है


पर हकीकत से


नजरे चुराकर देखे गए खवाब कभी सच होते नही


मैं खवाब और हकीकत के बीच का फासला जानती हूँ

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